सरदार पटेल स्टूडेन्ट सपोर्ट प्रोग्राम

प्रशासनिक अधिकारी किसी भी समाजिक-राजनीतिक व्यवस्था के आधार स्तम्भ होते हैं। सरदार पटेल ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए कहा था कि ‘‘उन्हें Steel frame of India कहा जाना अतिशयोक्ति नही होगा‘‘। दरअसल, ये वो लोग हैं जो राष्ट्र की नींव को ठोस आधार दे सकते हैं और समाज के सभी वर्गों के कल्याण व विकास की नीतियां बनाने तथा उन्हें क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वस्तुतः प्रशासनिक अधिकारी के रूप में किसी व्यक्ति के पास समाज के वंचित व अभावग्रस्त लोगों के उत्थान व कल्याण के तमाम अवसर रहते हैं। इसी पृष्ठभूमि में यह विचार उभरा कि सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध, मौलिक तथा कठिन परिस्थितियों व अभावों के बीच भी प्रगतिशील बने रहने वाले छात्रों के सिविल सेवा में आने से राष्ट्र का समावेशी विकास होगा।

अतः समाज के प्रतिभाशाली छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए समस्त प्रकार का सहयोग उपलब्ध कराने तथा कुशल प्रशासक के रूप में उनका विकास करने के लिए वर्ष 2015 से ‘‘सरदार पटेल स्टूडेन्ट सपोर्ट प्रोग्राम‘‘ नामक प्रकल्प प्रारम्भ हुआ।

हम सब ऐसे समय में जी रहे हैं जब प्रायः लोग एकल परिवारों में जीते हैं और अपने बच्चों के अलावा किसी अन्य के लिए न तो कुछ करने की भावना रखते हैं और न ही इसे अपना कोई दायित्व समझते हैं। ऐसे समय में समाज के कई अधिकारियों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों ने तीन वर्ष पूर्व “सरदार पटेल स्टूडेंट “सपोर्ट प्रोग्राम” शुरू किया।

क्या है “सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम “?

“सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम” समाज के कई प्रशासनिक अधिकारियों एवं समाजसेवियों द्वारा आरंभ किया हुआ एक प्रयास है जिसके अंतर्गत वे हर साल पूरे देश से, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के, ऐसे बच्चों को चुनते हैं जो प्रतिभाशाली हैं और गंभीरता के साथ सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। “सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम” के अंतर्गत एक साक्षात्कार के माध्यम से ऐसे बच्चों का चयन कर दिल्ली स्थित सरदार पटेल सिविल सर्विस हॉस्टल में रखा जाता है और उनकी शैक्षिक मेंटरिंग से लेकर खाना-पीना रहना हर एक चीज का खर्च “सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम” द्वारा समाज के प्रतिष्ठित दानदाताओं से प्राप्त सहायता राशि के माध्यम से उठाया जाता है। छात्रों की तैयारी के दौरान लगातार उन अधिकारियों द्वारा मेंटरिंग की जाती है जो पूर्व में सिविल सेवा परीक्षा क्वालिफाई कर चुके हैं और सेवारत हैं। यदि छात्र सरदार पटेल सिविल सर्विस हॉस्टल में नहीं रह रहा है, तब भी वह “सरदार पटेल स्टूडेंट प्रोग्राम” के मेंटरिंग प्रोग्राम तथा इंटरव्यू प्रोग्राम में भाग ले सकता है।

“सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम” की शुरुआत और उसके पीछे की प्रेरणा

“सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम” के संस्थापक सदस्यों में शामिल अमरेश कुमार और राजीव उमराव जी का बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। तीक्ष्ण बुद्धि के धनी होने पर भी इन्हें कैरियर बनाने में अनेकों कठिनाइयों वा संघर्षों का सामना करना पड़ा। साधारण सामाजि-आर्थिक पृष्ठभूमि के राजीव उमराव ने आई०आई०टी० रुड़की से इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ की। राजीव बताते हैं कि जब वह तैयारी कर रहे थे तो विषय चयन से लेकर पाठ्य सामग्री स्ट्रैटेजी आदि के सम्बन्ध में गाइडेंस देने वाला कोई नहीं था। गाइडेंस के अभाव में सफलता के लिये आवश्यकता से अधिक मेहनत करनी पड़ी व अनावश्यक समय लगा। कई बार ऐसी परिस्थितियों में छात्र सफलता से वंचित भी रह जाते हैं।

अमरेश कुमार ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं तथा इनकी शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय में हुयी। अमरेश को आई०आई०टी० रुड़की में एम०बीए० की पढ़ाई विषम आर्थिक परिस्थितियों के कारण बीच में ही छोड़ देनी पड़ी। विषम परिस्थितियों के कारण सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी बीच में ही छोड़कर राज्य सरकार में सेवा आरंभ करनी पड़ी। इन लोगों ने अपने कैरियर के आरंभ में ही ठान लिया था कि वह भविष्य में ऐसा संगठन खड़ा करेंगे जो सिविल सेवा परीक्षा की सीरियस तैयारी करने वाले छात्रों को ऐसी हरसुविधा व गाइडेंस उपलब्ध करायेगा जो इन दोनो को नहीं उपलब्ध हो पायी और जिनके कारण सिविल सेवा के प्रतियोगी छात्र असफल होते हैं या अत्यधिक संघर्षों का सामना करना पड़ता है। इसी पृष्ठभूमि ने “सरदार पटेल स्टूडेंट्स सपोर्ट प्रोग्राम” स्थापना के विचार को जन्म दिया।